गुरुवार, 28 अक्टूबर 2010

पाकिस्तानी कब्जे से कश्मीर को मुक्त कराइये : मेजर जनरल (से.नि.) गगनदीप बक्शी


आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं - मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल। अरुंधती राय अगर महिला न होती तो सेना उनसे अलग तरीके से निपटती। सुश्री राय, चेतन भगत और पडगांवकर जैसे बुद्धिजीवी अलगाववाद की भाषा बोल रहे हैं। इससे देशद्रोहियों का ही मनोबल बढ़ेगा। हरेक भारतीय को जागरुक होकर सरकार से पूछना होगा कि हम पाकिस्तान के सामने इतने कमजोर क्यों हो गए हैं। अब हमें अपनी संसद के प्रस्ताव पर अमल करते हुए पाकिस्तानी कब्जे से कश्मीर को मुक्त कराना होगा। कश्मीर पर राजनेताओं और सरकार के ढुल-मुल रवैये के कारण समस्या बढ़ती जा रही है। सेना तैयार है, लेकिन उसे आदेश देने वाले मुंह पर पट्टी बांधे बैठे हैं। आखिर हम कब तक चुप्पी साधे रहेंगे। सेना ने हमेशा युद्ध जीत कर दिया है। कश्मीर को बचाने में सेना ने अपनी कुर्बानी दी है। देश का हजारों करोड़ रू. कश्मीर पर लगा है। क्या यह सब इसीलिए किया गया कि कश्मीर पाक को सौंप दिया जाए। जम्मू और लेह-लददाख सहित अनेक हिस्सों से आजादी या स्वायत्ता की कोई मांग नहीं हो रही है। सिर्फ श्रीनगर और कश्मीर के आस-पास के कुछ जिले पाकिस्तान प्रेरित आजादी की मांग कर रहे हैं। केन्द्र सरकार देश के करोड़ों मुसलमानों की बजाए इन मुट्ठीभर कश्मीरी मुसलमानों की के आगे क्यों नतमस्तक हो रही है। ‘कश्मीर ः समस्या एवं समाधन’ विषय पर व्याख्यान देते हुए सेवानिवृत्त मेजर जनरल गगनदीप बख्शी ने यह बात कही। श्री बक्शी भोपाल में स्पंदन, प्रज्ञा प्रवाह, भारत विकास परिषद् और म.प्र. राष्ट्रीय एकता समिति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर के लोगों से हमदर्दी नहीं है। उसे कश्मीर के लोग नहीं वहां के संसाधन चाहिए। कश्मीर समस्या के समाधान के लिए भारत को अपनी बर्दाश्त की सीमा निर्धारित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी रेड लाइन डिफाइन करनी होगी। लेकिन दुर्भाग्य है कि केन्द्र सरकार के इशारे पर कश्मीर के वार्ताकारों ने यह कहा हे कि हमारी कोई रेडलाइन नहीं है।
पाकिस्तान कश्मीर में सेना का मनोबल तोड़ने की साजिश कर रहा है। योजनाबद्ध तरीके से उसने पहले भारतीय पुलिस का मनोबल तोड़ा अब वह सेना पर मानवाधिकार हनन के झूठे आरोप लगवाकर सेना का ध्यान कश्मीर से हटाना चाह रहा है। मेजर जनरल बक्शी ने मानवाधिकार संगठनों को कटघरे में खडा करते हुए कहा कि सेना पर लगाए गए मानवाधिकार हनन के 94 प्रतिशत मामले गलत पाए गए हैं। सही आरोपों पर तत्काल सुनवाई और कार्यवाई की गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जो आतंकवाद से लड़ने में भारी हथियारों का उपयोग नहीं कर रहा है। अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, रूस और श्रीलंका जैसे देशों ने हमेेंशा आतंकवाद से लड़ने में बड़ और भारी हथियारों का उपयोग किया है। इसके बावजूद भारतीय सेना पर मानवाधिकार हनन के सबसे ज्यादा आरोप लगे।
मेे.जे. बक्शी ने अपने कार्यकाल के अनुभवों के आधार पर कश्मीर की आज की समस्या और उसके समाधान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के अंत के लिये एक स्पष्ट नीति के साथ कार्य करने की जरूरत है। कश्मीर राज्य के कुछ जिलों में ही उपद्रवी तत्व सक्रिय है। वहाँ भी शांतिप्रिय लोग है जिसका सबसे प्रामाणिक तथ्य है कि 60 प्रतिशत से अधिक नागरिकों ने जम्मू-कश्मीर के निर्वाचन में भाग लेकर भारत की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में भरोसा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमें कश्मीर समस्या को व्यापक परिदृश्य में देखना होगा। कश्मीर को छोड़ने की बात देश में रहने वाले 15 करोड़ लोकतांत्रिक मुसलमानों के सम्मान को चोट पहुँचाना है। उन्होंने कश्मीर के सामरिक महत्व को समझाते हुए पाकिस्तान और चीन के सामरिक गठजोड़ की आशंकाओं पर भी प्रकाश डाला। श्री बक्शी ने कहा कि पाक से जल्दी नहीं निपटा गया तो उसका सहयोगी चीन हमारे लिए बड़ी चुनौती खडी कर देगा। हमें पाक के सामने घुटने टेकना बंद कर देना चाहिए। अब मुहतोड जवाब देने का समय आ गया है।
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि हिन्दुस्तान की सरकार इतनी कमजोर हो गई कि पाकिस्तान को सबक सिखने की बजाये समझौतों में अटकी हुई है। भारत को ग्लोबल पावर बनाने का सपना देख रहे हैं लेकिन हदय से देशभक्ति की भावना लुप्त होती जा रही है। कश्मीर विलय दिवस पर श्री चैहान ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति ने देश को आतंकवाद से ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हमारे यहां ऐसे -ऐसे चिंतक हो गए हैं जो पाक को कश्मीर देकर समस्या सुलझाने की बात करते हैंं। उन्होंने सवाल किया कि क्या अरुंधती राय का बयान चीन में बर्दाश्त किया जाता? कश्मीर के विलय पर उंगली उठाने वाले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कश्मीर को पाक का हिस्सा बताने वाले गिलानी को तो जेल में होना चाहिए। जबकि उन्हें सम्मान दिया जा रहा है। जिनके हदय में देशप्रेम नहीं वे ही ऐसा राज कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी सत्ता की चाह में भारतमाता को आजादी के समय ही ख्ंाडित कर दिया गया। आज अखंड भारत कहां है। पांच नदियों के कारण पंजाब कहलाने वाले राज्य में अब दो ही नदियां हैं। उन्होंने कहा कि सेना के साथ ठीक सलूक नहीं हो रहा है। उसे आजादी के साथ काम करने देना होगा। श्री चैहान ने कहा कि आतंकवाद की लडाई में अगर कुछ निर्दोष मर भी जाएं तो गम नहीं, लेकिन आतंकी नहीं छूटने चाहिए। दुष्ट बिना भय के काबू में नहीं आते हैंं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद आतंकवादियों के तो मानव अधिकार हैं लेकिन सेना व जनता के मानव अध्किारों का क्या? अरुंधती राय और मेधा पाटकर कश्मीरी पंडितों के मानव अधिकार की लड़ाई लड़ें। सोनिया राहुल गांधी से देशभक्ति के जज्बे की उम्मीद नहीं की जा सकती। कश्मीर बचाने के लिए जनता आगे आए। मैं हमेशा उनके साथ हूं। हम आतंकवादियों को पाक में घुसकर क्यों नहीं मार सकते। उन्होंने कहा कि अगर भारत पाक अधिकृत कश्मीर के लिये पुरजोर आवाज उठाता तो आज जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता का मुद्दा नहीं उठता। देश बचाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लिये अब वार्ता की नहीं दृढ़ता की जरूरत है। भारत ने उदारता एवं शांति का संदेश दिया है लेकिन अखण्डता के लिये अब शक्ति प्रदर्शन की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या देश की समृद्ध सांस्कृतिक अखंडता से अपरिचित नीति नियंत्रकों के ढुलमुल रवैये का परिणाम है। इसे सिर्फ विलय नहीं, बल्कि संकल्प दिवस के रूप में भी मनाएं। उन्होंने कहा कि धारा 370 खत्म कर वहां सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों को बसा दिया जाए, वहां की हालत सुधर जायेगी। देशभक्ति वोट बैंक का हिस्सा क्यों नहीं बन सकती है? अब समय आ गया है कि जनता देश की सत्ता पर देशभक्तों को बैठाये। अखंडभारत का सपना साकार करने के लिए सेना को पूरे अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने सेना को स्वतंत्र करने को कहा।
श्री शिवराजसिंह चैहान ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिये वोट की राजनीति आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है। जिस दिन जनता जाग गई सत्ता लोलुप कुर्सी पर नहीं रह पायेंगे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता समिति के उपाध्यक्ष रमेंश शर्मा और महेश श्रीवास्तव, प्रज्ञा प्रवाह संयोजक बालकृष्ण दवे, स्पंदन के उपाध्यक्ष जी.के. छिब्बर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दीपक शर्मा ने किया।
अनिल सौमित्र, भोपाल

ताकि मुसलमान के बेटे आतंकवादी न बनें

राजीव कुमार

कुरान की कुछ आयतें जो हैं वो बहुत निर्दयता पूर्वक गैर इस्‍लामियों की हत्‍या करने वाली हैं.
लेकिन अब पूरे विश्‍व में शांति के लिये दुबई सरकार ने शांति पूर्ण कदम उठाया है. पूरे यूरोप के दबाव खासकर अमेरिका के दबाव से अब कुरान की उन आयतों को अरब सरकार ने बदल दिया गया है जो जो काफिरों का खून करने को कहती थीं, इसी तरह वे गैर इस्‍लामी औरतों के साथ बलात्‍कार को भी हलाल कहती थी, इसी तरह गैर इस्‍लामी औरतों को लूट कर उनकी आबरू को लूटने वाली आदि जितनी आयतें कुरान में मौजूद थीं सबको बदलकर बच्‍चों को पढ़ाया जा रहा है ताकि ये बच्‍चें बड़े होकर आतंकवादी न बनें. ये कदम मुस्लिम जगत के लिये पूरे विश्‍व में नजीर बनेंगे क्‍योंकि अक्‍सर कुरान की गलत आयतों को पढ़कर लड़का जेहादी आतंकी बनकर पूरे विश्‍व के लिये सरदर्द बन जाता था मगर अब उनके भविष्‍य के लिये उम्‍मीद की किरणें दिखती नजर आ रही हैं. मगर भारत में या अन्‍य देश पाकिस्‍तान आदि में इसे नही बदला गया है संभव है भारत सरकार इस दिशा में कदम उठायेगी.

इस नये कुरान का नाम रखा गया हैः द ट्रू फुरकान

इस कुरान का लिंक है-http://web.archive.org/web/20080531044110/www.islam-exposed.org/ind...

यू ट्यूब पर आडियो सूनने के लिये यहां क्लिक करें-http://www.youtube.com/watch?v=plMNN30foXY

बार-बार कुछ कट्टर मुस्लिम मेरा विरोध कर रहे थे कि कुरान बहुत प्‍यारा धर्म है आखिर कुरान में गलत नही था तो क्‍यों अरब सरकार इसे बदली.

बहरहाल जो भी हो अरब सरकार यदि अनवरत प्रयासरत रहेगी तो मुसलमानों के सर पर आतंकी होने का कलंक मिट जायेगा और लोग उन्‍हें शक की निगाहों से नही देखेंगे.


जहां-जहां जेहाद आदि था सब को हटा दिया गया है. कुरान से हटायी गयी मुख्‍य आयतें निम्‍न हैं-

1 -गैर मुसलमानों पर रौब डालो ,और उनके सर काट डालो .

काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो .और मौक़ा मिलकर सर काट दो .सूरा अनफाल -8 :12

2 -काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो .

"अगर काफिरों से मुकाबला हो ,तो उनकी गर्दनें काट देना ,उन्हें बुरी तरह कुचल देना .फिर उनको बंधन में जकड लेना .यदि वह फिरौती दे दें तो उनपर अहसान दिखाना,ताकि वह फिर हथियार न उठा सकें .सूरा मुहम्मद -47 :14

3 -गैर मुसलमानों को घात लगा कर धोखे से मार डालना .

'मुशरिक जहां भी मिलें ,उनको क़त्ल कर देना ,उनकी घात में चुप कर बैठे रहना .जब तक वह मुसलमान नहीं होते सूरा तौबा -9 :5

4 -हरदम लड़ाई की तयारी में लगे रहो .

"तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो.ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें .जिनके बारेमे तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं .अलाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा .सूरा अन फाल-8 :60

5 -लूट का माल हलाल समझ कर खाओ .

"तुम्हें जो भी लूट में माले -गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ ,और अपने परिवार को खिलाओ .सूरा अन फाल-8 :69

6 -छोटी बच्ची से भी शादी कर लो .

"अगर तुम्हें कोई ऎसी स्त्री नहीं मिले जो मासिक से निवृत्त हो चुकी हो ,तो ऎसी बालिका से शादी कर लो जो अभी छोटी हो और अबतक रजस्वला नही हो .सूरा अत तलाक -65 :4

7 -जो भी औरत कब्जे में आये उससे सम्भोग कर लो.

"जो लौंडी तुम्हारे कब्जे या हिस्से में आये उस से सम्भोग कर लो.यह तुम्हारे लिए वैध है.जिनको तुमने माल देकर खरीदा है ,उनके साथ जीवन का आनंद उठाओ.इस से तुम पर कोई गुनाह नहीं होगा .सूरा अन निसा -4 :3 और 4 :24

8 -जिसको अपनी माँ मानते हो ,उस से भी शादी कर लो .

"इनको तुम अपनी माँ मानते हो ,उन से भी शादी कर सकते हो .मान तो वह हैं जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया .सूरा अल मुजादिला 58 :2

9 -पकड़ी गई ,लूटी गयीं मजबूर लौंडियाँ तुम्हारे लिए हलाल हैं .

"हमने तुम्हारे लिए वह वह औरते -लौंडियाँ हलाल करदी हैं ,जिनको अलाह ने तुम्हें लूट में दिया हो .सूरा अल अह्जाब -33 :50

10 -बलात्कार की पीड़ित महिला पहले चार गवाह लाये .

"यदि पीड़ित औरत अपने पक्ष में चार गवाह न ला सके तो वह अलाह की नजर में झूठ होगा.सूरा अन नूर -24 :१३

11 -लूट में मिले माल में पांचवां हिस्सा मुहम्मद का होगा .

"तुम्हें लूट में जो भी माले गनीमत मिले ,उसमे पांचवां हिस्सा रसूल का होगा .सूरा अन फाल- 8 :40

12 -इतनी लड़ाई करो कि दुनियामे सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे .

"यहांतक लड़ते रहो ,जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये .केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे.सूरा अन फाल-8 :39

13 -अवसर आने पर अपने वादे से मुकर जाओ .

"मौक़ा पड़ने पर तुम अपना वादा तोड़ दो ,अगर तुमने अलाह की कसम तोड़ दी ,तो इसका प्रायश्चित यह है कि तुम किसी मोहताज को औसत दर्जे का साधारण सा खाना खिला दो .सूरा अल मायदा -5 :89

14 - इस्लाम छोड़ने की भारी सजा दी जायेगी .

"यदि किसी ने इस्लाम लेने के बाद कुफ्र किया यानी वापस अपना धर्म स्वीकार किया तो उसको भारी यातना दो .सूरा अन नहल -16 :106

15 - जो मुहम्मद का आदर न करे उसे भारी यातना दो

"जो अल्लाह के रसूल की बात न माने ,उसका आदर न करे,उसको अपमानजनक यातनाएं दो .सूरा अल अहजाब -33 :57

16 -मुसलमान अल्लाह के खरीदे हुए हत्यारे हैं .

"अल्लाह ने ईमान वालों के प्राण खरीद रखे हैं ,इसलिए वह लड़ाई में क़त्ल करते हैं और क़त्ल होते हैं .अल्लाह ने उनके लिए जन्नत में पक्का वादा किया है .अल्लाह के अलावा कौन है जो ऐसा वादा कर सके .सूरा अत तौबा -9 :111

17 -जो अल्लाह के लिए युद्ध नहीं करेगा ,जहन्नम में जाएगा .

"अल्लाह की राह में युद्ध से रोकना रक्तपात से बढ़कर अपराध है.जो युद्ध से रोकेंगे वह वह जहन्नम में पड़ने वाले हैं और वे उसमे सदैव के लिए रहेंगे .सूरा अल बकरा -2 :217

18 -जो अल्लाह की राह में हिजरत न करे उसे क़त्ल करदो

जो अल्लाह कि राह में हिजरत न करे और फिर जाए ,तो उसे जहां पाओ ,पकड़ो ,और क़त्ल कर दो .सूरा अन निसा -4 :89

19 -अपनी औरतों को पीटो.

"अगर तुम्हारी औरतें नहीं मानें तो पहले उनको बिस्तर पर छोड़ दो ,फिर उनको पीटो ,और मारो सूरा अन निसा - 4 :34

20 -काफिरों के साथ चाल चलो .

"मैं एक चाल चल रहा हूँ तुम काफिरों को कुछ देर के लिए छूट देदो .ताकि वह धोखे में रहें अतता.सूरा रिक -86 :16 ,17

21 -अधेड़ औरतें अपने कपडे उतार कर रहें .

"जो औरतें अपनी जवानी के दिन गुजार चुकी हैं और जब उनकी शादी की कोई आशा नहीं हो ,तो अगर वह अपने कपडे उतार कर रख दें तो इसके लिए उन पर कोई गुनाह नहीं होगा .सूरा अन नूर -24 :60